हमेशा की तरह, सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2022 के प्रश्न-पत्र I (सामान्य अध्ययन) में उतने ही प्रश्न हैं जितने पहले के अवसरों पर थे. इस बार सामान्य अध्ययन का प्रश्न-पत्र एक व्यापक प्रगतिशील अनुभव देता है और बहुत से उम्मीदवारों ने इसे पिछले 2-3 वर्षों में पिछले प्रश्न-पत्रों की तुलना में अपेक्षाकृत कठिन पाया.
हर वर्ष, अत्यधिक ऊर्जावान उम्मीदवार पूरे आत्मविश्वास के साथ केवल सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा का सामना करने के लिए तत्परता से खुद को तैयार करते हैं; लेकिन, हर बार उनके लिए आश्चर्य का पुट मिलता है जब एक ऐसे प्रश्न पत्र का सामना होता है जिसमें कुछ न कुछ आश्चर्यजनक तत्व सामने आ ही जाते हैं.
जी हां, प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न-पत्र I (सामान्य अध्ययन) एक ऐसा आभास दे रहा है जो ऐसे उम्मीदवारों को झटका देगा जो इस धारणा के साथ आते हैं कि यू.पी.एस.सी. एक प्रवृत्ति का पालन करता है और वे इसे स्मार्ट वर्क के साथ क्रैक करने के लिए सुसज्जित हैं.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्मार्ट वर्क चमत्कार कर सकता है और कुछ अच्छी तरह से तैयार उम्मीदवारों ने इस पेपर को प्रभावी ढंग से हल किया होगा. लेकिन, सामान्य तौर पर जब अधिकांश उम्मीदवारों को यह आभास होता है कि वे यू.पी.एस.सी. परीक्षक के दिमाग को पढ़ने का सामर्थ्य रखते हैं, तो वे हमेशा गलत कदम पर पकड़े जाते हैं.
जब यू.पी.एस.सी. आपसे पारंपरिक भाग की उचित समझ के साथ अच्छी तरह से वाकिफ होने की अपेक्षा करता है, तो जानकारी को समझना और उसकी व्याख्या कर पाना अत्यंत महत्वपूर्ण है.
अधिकांश उम्मीदवारों के लिए एक धारणा जो उनके निष्पादन को प्रभावित करती है कि वे प्रारम्भिक परीक्षा की तैयारी कैसे करते हैं, वे जो जानकारी इकट्ठा करते हैं उसे कैसे संसाधित करते हैं ताकि वे इसे लंबे समय तक याद रख सकें और जरूरत पड़ने पर इसे याद कर प्रस्तुत कर सकें.
एक तरफ कोचिंग संस्थान समझते हैं कि यू.पी.एस.सी. को सही तरीके से डिकोड कर लिया है; दूसरी तरफ यू.पी.एस.सी. के परीक्षक उनके द्वारा किए गए चतुर काम का मुकाबला करने के लिए फिर कुछ नया बनाते हैं.
तथाकथित विशेषज्ञों, करंट अफेयर्स पीडीएफ़ और ए.आई.-आधारित दृष्टिकोण द्वारा मंथन की जा रही सामग्री की मात्रा जब परीक्षकों की सोच से मेल नहीं खाती; ऐसे में उम्मीदवारों के लिए अंतिम परिणाम निराशा ही निकलता है.
सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 1
एक आत्मविश्वासी उम्मीदवार प्रारम्भिक परीक्षा के बारे में उत्साहित महसूस करता है और मुख्य परीक्षा में स्थान प्राप्त करने की उम्मीद लगाता है. लेकिन, पहले चरण को केवल वे ही पार करते हैं जो पूरी लगन से तैयारी करते हैं, इसमें शामिल पेचीदगियों को समझते हैं और परीक्षा हॉल में प्रश्न पत्र का प्रयास करते समय अपनी मस्तिष्क को नियंत्रित रखते हैं.
निश्चय ही, इतना सरल नहीं है कि सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 1 को एक तथ्यात्मक प्रश्न-पत्र के रूप में सोच कर आनन्दित हो सकें. हां, इन प्रश्नों में तथ्यों को इस तरह से रखा गया है कि सही उत्तर निकालने के लिए बुद्धि के साथ-साथ रचनात्मक सोच की भी जरूरत होती है.
यहाँ प्रश्न-पत्र की पहली छाप मध्यम से कठिन प्रश्न-पत्र की है. इस बार यह प्रश्न-पत्र लंबा भी प्रतीत हो रहा है. यह गतिशील के साथ-साथ एक पारंपरिक पाठःयक्रम का समामेलन है जो वास्तव में उम्मीदवारों के वैचारिक ज्ञान का मूल्यांकन करता है.
यह प्रश्न-पत्र उतना सीधा नहीं है जितना कि कुछ उम्मीदवारों को लगता है, लेकिन अगर आप प्रश्न-पत्र में स्टीरियोटाइपिंग की उम्मीद करते हैं, तो यहां, कम से कम यू.पी.एस.सी. तो आपको निराश करने के लिए है.
यू.पी.एस.सी. सरल प्रश्नों को कठिन बना अभिनव प्रस्तुति के लिए जाना जाता है. यह मंशा पिछले 2-3 वर्षों के प्रश्न-पत्रों में भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थी, जब पहली नज़र में उम्मीदवारों ने इन्हे 'आसान' करार दिया था. इस बार मेरी नजर में तो यह प्रश्न-पत्र एक पायदान ऊपर ही है.
पिछले वर्ष की तुलना में विभिन्न अवयवों के अनुसार जबकि भारतीय राजनीति और भारतीय इतिहास में प्रश्नों की संख्या कम रही; भारतीय अर्थव्यवस्था, भूगोल और सामान्य विज्ञान में प्रश्नों की कुछ अधिक संख्या देखी गई.
यदि कठोरता को देखा जाए तो अर्थव्यवस्था और राजनीति में कुछ प्रश्न अच्छी तरह से तैयार उम्मीदवारों के लिए आसान रहे होंगे. यदि कोई बुनियादी बातों के बारे में स्पष्ट है और करंट अफेयर्स से परिचित है, तो उपयुक्त उत्तर खोजना काफी आरामदायक रहा होगा.
निस्संदेह, अधिकांश प्रश्नों को हल करने के लिए समझदार दृष्टिकोण और तर्कसंगत सोच की आवश्यकता है. इसी प्रकार एक तीखी, पैनी दृष्टि ने पलक झपकते ही कुछ प्रश्नों में मदद की होगी.
लेकिन, यह एक ऐसा प्रश्न-पत्र रहा है, जहां कुछ कोचिंग विशेषज्ञों द्वारा साझा किया गया ज्ञान विफल हो जाता था और सिखाई गई चालें कई उम्मीदवारों को धोखा दे जाती हैं.
मैं इस परीक्षा को पिछले 3 दशकों से अधिक समय से ट्रैक कर रहा हूं और यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि बुनियादी बातों का पालन कर, पाठ्यक्रम को समझ, मानक पाठ्यपुस्तकों के साथ तैयारी कर, अपने संसाधनों को सीमित रख कर और दैनिक समाचार पत्र - कम से कम दो पढ़ और नियमित अभ्यास के साथ पहली बाधा - प्रारंभिक परीक्षा को पार करने में आपको कभी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.
यह प्रारम्भिक परीक्षा 2022 प्रश्न पत्र इस तथ्य को फिर से स्थापित करता है कि प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन के प्रश्न-पत्र को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए ज्ञान और जानकारी का विस्तार काफी आवश्यक है. सभी चतुर रणनीतियाँ एक प्रभावी तैयारी के बिना किसी काम की नहीं हैं क्योंकि आपके जागरूकता स्तर को इतने स्मार्ट तरीके से मापा जाता है कि प्रारम्भिक परीक्षा को क्रैक करना आसान नहीं.
इतना ही नहीं, इस परीक्षा को डिकोड करना भी आसान नहीं है.
बहु विकल्पीय प्रश्नों को हल करने के लिए तकनीक
जब हम बहु विकल्पीय प्रश्नों को हल करने के लिए तकनीक की बात करते है तो इसे समझने के लिए कुछ उदाहरण यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूं.
एक बार फिर, कई प्रश्नों में गलत उत्तरों को एलीमिनेट करने की प्रक्रिया ने उम्मीदवारों को सही विकल्प खोजने में मदद की होगी.
उदाहरण के लिए निम्न प्रश्नों को देखें
Q. प्रधानमंत्री ने हाल ही में वर्वल में सोमनाथ मंदिर के पास नए सर्किट हाउस का उद्घाटन किया. सोमनाथ मंदिर के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
- सोमनाथ मंदिर ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है
- सोमनाथ मंदिर का विवरण अल-बिरूनी द्वारा दिया गया था
- सोमनाथ मंदिर (वर्तमान मंदिर की स्थापना) की प्राण प्रतिष्ठा राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन द्वारा की गई थी।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
(ए) केवल 1 और 2
(बी) केवल 2 और 3
(सी) केवल 1 और 3
(डी) 1, 2 और 3
यहां, यदि आप तीसरे वक्तव्य को देखते हैं तो आसानी से गलत कथन पहचान सकते है क्योंकि राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने सोमनाथ मंदिर (वर्तमान मंदिर की स्थापना) की प्राण प्रतिष्ठा की थी और यदि आप दिए गए विकल्पों को देखते हैं, तो केवल विकल्प (ए) स्पष्ट उत्तर है क्योंकि बाकी सभी में 3 हैं
Q. 'बैंक्स बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी)' के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
- आरबीआई के गवर्नर बीबीबी के अध्यक्ष होते हैं
- बीबीबी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए प्रमुखों के चयन की सिफारिश की
- बीबीबी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को रणनीतियों और पूंजी जुटाने की योजना विकसित करने में मदद करता है
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
(ए) केवल 1 और 2
(बी) केवल 2 और 3
(सी) केवल 1 और 3
(डी) 1, 2 और 3
इस प्रश्न में पहला कथन सही नहीं है क्योंकि आरबीआई के गवर्नर बीबीबी के अध्यक्ष नहीं हैं और केवल विकल्प (बी) है जिसमें पहला कथन नहीं है, जो सही उत्तर है.
फिर, कुछ ऐसे प्रश्न हैं जहाँ बुद्धिमान अनुमान आपको सही उत्तर निकालने में मदद कर सकता है:
Q. निजामुद्दीन पानीपति ने किसके शासनकाल में "योगवसिष्ठ" का फारसी में अनुवाद किया था?
(ए) अकबर
(बी) हुमायूं
(सी) शाहजहाँ
(डी) औरंगजेब
मुगल राजवंश के दौरान अकबर, जहांगीर और दारा शिकुह के आदेश के अनुसार, पाठ का कई बार फारसी में अनुवाद किया गया था.
यदि कुछ विकल्प आपको भ्रमित करते हैं, यदि आप इस विषय के बारे में थोड़ा जानते हैं तो एक बुद्धिमान अनुमान आपकी मदद करेगा
जैसा कि इनमें से एक अनुवाद निजाम अल-दीन पानीपति द्वारा सोलहवीं शताब्दी के अंत में किया गया था और वह समयरेखा स्पष्ट रूप से सही उत्तर के रूप में (ए) अकबर इंगित करता है.
Q. भारत में "चाय बोर्ड" के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
- चाय बोर्ड एक सांविधिक निकाय है
- यह कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय से जुड़ी नियामक संस्था है
- चाय बोर्ड का प्रधान कार्यालय बेंगलुरु में स्थित है
- बोर्ड के दुबई और मॉस्को में विदेशी कार्यालय हैं
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-से सही हैं?
(ए) केवल 1 और 3
(बी) केवल 2 और 4
(सी) केवल 3 और 4
(डी) केवल 1 और 4
यह अपेक्षित प्रश्नों में से एक था क्योंकि भारत चीन के बाद दुनिया में चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है.
अगर आप कहीं फंस गए होते, तो समझदारी भरा अनुमान आपकी मदद करता:
कथन 1 सही है
कथन 2 एक उद्योग निकाय होने के कारण गलत प्रतीत होता है, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय इसका सटीक उत्तर होता
कथन 3 भी गलत है क्योंकि चाय बोर्ड का प्रधान कार्यालय कोलकाता में स्थित है
भले ही आप नहीं जानते कि कथन 4 सही है या नहीं, यदि आप उत्तर विकल्प को देखते हैं तो (डी) स्पष्ट रूप से सही विकल्प के रूप में दिखाई देता है.
लेकिन, यहाँ एक मोड़ आता है जहाँ UPSC प्रश्नों में एक नया पैटर्न लेकर आया है जहाँ न तो एलीमिनेशन विधी कारगर है और न ही बुद्धिमान अनुमान काम करेगा.
निम्नलिखित प्रश्न पर एक नज़र डालें:
प्र. भारतीय इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिएः
|
ऐतिहासिक व्यक्ति |
के रूप में जाना जाता है |
1. |
आर्यदेव |
जैन विद्वान |
2. |
दिग्नागा |
बौद्ध विद्वान |
3. |
नाथमुनि |
वैष्णव विद्वान |
ऊपर दिए गए कितने जोड़े सही सुमेलित हैं?
(ए) जोड़े में से कोई नहीं
(बी) केवल एक जोड़ी
(सी) केवल दो जोड़े
(डी) सभी तीन जोड़े
प्र. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिएः
|
अशोक के प्रमुख शिलालेखों का स्थल |
राज्य में स्थान |
1. |
धौली |
ओडिशा |
2. |
एरागुडी |
आंध्र प्रदेश |
3. |
जौगड़ा |
मध्य प्रदेश |
4. |
कलसी |
कर्नाटक |
नीचे दिए गए कितने जोड़े सही सुमेलित हैं?
(ए) केवल एक जोड़ी
(बी) केवल दो जोड़े
(सी) केवल तीन जोड़े
(डी) सभी चार जोड़े
ऐसे प्रश्नों में कोई सही या गलत विकल्प नहीं होता है; जब तक आपको प्रत्येक जोड़ी की सभी जानकारी का ज्ञान नहीं होगा, तब तक आप सही उत्तर का पता नहीं लगा सकते हैं, आप सही उत्तर नहीं दे सकते.
एक संतुलित मिश्रण
यदि आप पूछें कि इस प्रश्न-पत्र से विशेष स्ट्रीम को लाभ होने वाला है; मेरा जवाब होगा कि यह एक संतुलित प्रश्न-पत्र है और मुझे नहीं लगता कि किसी विशेष पृष्ठभूमि से कोई भी उम्मीदवार अधिक हासिल कर पाया होगा.
फिर से, यू.पी.एस.सी. ने इसे निष्पक्ष दृष्टिकोण बनाए रखा है और इससे कई लोगों को बिना किसी पूर्वाग्रह के इस प्रश्न-पत्र को हल करने में मदद मिली होगी.
संक्षेप में, मैं कहूंगा कि यह प्रश्न-पत्र एक उम्मीदवार की समझ की गहराई का आकलन करता है और प्रतिभाशाली और योग्य उम्मीदवारों के लिए मुख्य परीक्षा में स्थान पाने के लिए मंच तैयार करता है.
सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 2 (सीसेट)
यदि आप ध्यान दें, पिछले कुछ वर्षों में, प्रश्न-पत्र 2 अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है और क्वालीफाइंग प्रश्न-पत्र होने के बावजूद, कई अन्यथा योग्य उम्मीदवारों को भी इस प्रश्न-पत्र में 33% अंक प्राप्त करने में मुश्किल होती है.
यह फिर से चलन जारी है और सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 2 लंबा होने के साथ-साथ कठिन भी रहा है.
इंग्लिश कॉम्प्रिहेंशन से संबंधित लगभग 30 प्रश्न मध्यम स्तर के थे, लेकिन वहीं रीजनिंग पार्ट और क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड से संबंधित प्रश्न मध्यम से कठिन थे
कट-ऑफ क्या होनी चाहिए?
कट-ऑफ के बारे में सोचना ठीक है परन्तु, इतनी तीव्र प्रतिस्पर्धा का प्रयास करने के तुरंत बाद मैं ऐसी गतिविधियों में विश्वास नहीं करता; अब आपके लिए अनुमान की कोई गुंजाइश नहीं है.
मैं मानता हूं, यह एक आसान प्रश्न-पत्र नहीं है और लगभग इसी तरह के सेट-अप की उम्मीद है जो हमने पिछले साल देखा है.
मैं आपको अगले चरण - मुख्य परीक्षा के बारे में गंभीर होने का दृढ़ता से सुझाव देता हूं क्योंकि आपके पास बीच में केवल 3 महीने का समय है.
वैसे भी, जून 2022 के अंत तक प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम ज्ञात हो जाएगा - यदि आप सफल होते हैं, तो आपको मुख्य परीक्षा के लिए अपनी तैयारी की गति में तेजी लानी होगी.
संयोग से, यदि आप अर्हता प्राप्त करने में विफल रहते हैं, तो आप अगले वर्ष की तैयारी के लिए अपनी कमियों को दूर कर अगले प्रयास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना सुनिश्चित करेंगे.
आपको आने वाली चीजों की एक झलक मिल गई है, इसलिए मुख्य परीक्षा के लिए अपनी अध्ययन-योजना के साथ तैयार रहें.
एक बार फिर आपको सफलता की शुभकामनायें !