Civil Services (Main) Examination 2011: Success rate of all Optional Subjects
Home

सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा 2011 में वैकल्पिक विषयों की सफलता दर

admin Last Update on: 13 Jan 2014

Read in English


वैकल्पिक विषय का चुनाव एक कठिन प्रक्रिया है और किसी भी नतीजे पर पहुँचने से पहले काफी कुछ विश्लषण की आवश्यकता होती है. हालांकि, इस चुनाव हेतु कई कारक होते हैं परन्तु किसी वैकल्पिक विषय विशेष के लिये उम्मीदवारों द्वारा दी गई वरीयता और इनकी सफलता दर के बारे में सभी जानने को उत्सुक रहते हैं. इसी आधार पर बनी निम्न तालिका आपको कुछ वैकल्पिक विषयों का चुनाव कर संक्षिप्त सूची बनाने में मदद करेगी जिसके द्वारा आप अपनी तैयारी की रणनीति बना सकते हैं. (साभार - संघ लेक सेवा आयोग की 63वीं वार्षिक रिर्पोट)

हालांकि, सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा के नये प्रारूप में उम्मीदवारों को केवल एक वैकल्पिक विषय का चयन करना होता है फिर भी यह आपके महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक है. किसी वैकल्पिक विषय विशेष के लिये उम्मीदवारों द्वारा दी गई वरीयता और इनकी सफलता दर को आधार बना आप इनमें से कुछ वैकल्पिक विषयों का चुनाव कर संक्षिप्त सूची बनाने में मदद ले सकते हैं.

निम्न तालिका पर एक नज़र डालें तो सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा 2011 में वैकल्पिक विषयवार परीक्षा में बैठने वालों की तुलना में अनुशंसित उम्मीदवारों की संख्या और सफलता-दर दिये गये हैं. आपकी आसानी के लिये भाषाओं के साहित्य से संबंधित विषयों को एकसाथ कर दिया गया है.

इससे पहले कि आप किसी विश्लेषण में जुट जाएँ हम आपको याद दिलाना चाहेंगे कि सिविल सेवा परीक्षा 2011 में परीक्षा के पहले स्तर, प्रारम्भिक परीक्षा के प्रारूप में महत्वपूर्ण परिवर्तन आये जिसमें वैकल्पिक विषय हटाये गए थे और इसका सीधा असर कुछ लोकप्रिय वैकल्पिक विषयों के रुझानों में नज़र आया है.

इस परीक्षा में भी पिछले वर्षों की भांति उम्मीदवारों द्वारा वैकल्पिक विषयों के रूप में चुने गए विषयों में लोक प्रशासन सर्वाधिक वरीयता प्राप्त विषय रहा. भूगोल व समाजशास्त्र वरीयता क्रम में क्रमशः दूसरे व तासरे स्थान पर रहे.

एक समय में सबसे ज्यादा प्रचलित विषय इतिहास की लोकप्रियता में कमी के साथ यह वरीयता में चौथे स्थान पर लुडक गया.

जहाँ मनोविज्ञान उम्मीदवारों द्वारा वैकल्पिक विषयों के रूप में चुने गए विषयों के वरीयता क्रम में पाँचवे स्थान पर आया. वहीं, दर्शनशास्त्र को ले परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों की संख्या में एक बड़ी गिरावट देखने को मिली (CSE 2010 – 1866 उम्मीदवार; CSE 2011 - 900 उम्मीदवार) और यह छटे स्थान पर आ पहुँचा.

राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध वरीयता क्रम में सातवें स्थान पर रहा.

वैकल्पिक विषयवार परीक्षा में बैठने वालों की तुलना में अनुशंसित उम्मीदवारों की संख्या – सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा 2011

क्रम संख्या

वैकल्पिक विषय  

उम्मीदवारों की संख्या

सफलता दर

(प्रतिशत)

 परीक्षा में बैठे

  अनुशंसित 

1

चिकित्सा विज्ञान

205

48

23.4

2

मानव विज्ञान

463

61

13.2

3

कृषि

132

16

12.1

4

मनोविज्ञान

1365

143

10.5

5

भू-विज्ञान

40

4

10

6

पशुपालन एवं पशुचिकित्सा विज्ञान

50

5

10

7

राजनीतिक विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध

866

84

9.7

8

भौतिकी

323

31

9.6

9

रसायन विज्ञान

123

11

8.9

10

इतिहास

1761

150

8.5

11

गणित

337

28

8.3

12

समाज शास्त्र

2152

177

8.2

13

दर्शन शास्त्र

900

74

8.2

14

विधि

226

18

8

15

लोक प्रशासन

6276

497

7.9

16

भूगोल

4096

313

7.6

17

प्राणि विज्ञान

269

19

7.1

18

वाणिज्य शास्त्र और लेखा विधि

232

16

6.9

19

यांत्रिक इंजीनियरी

103

7

6.8

20

वनस्पति विज्ञान

135

9

6.7

21

प्रबंधन

266

15

5.6

22

अर्थशास्त्र

354

20

5.6

23

विद्युत इंजीनियरिंग

171

9

5.3

24

सांख्यिकी

19

1

5.3

25

सिविल इंजीनियरी

59

2

3.4

Performance of Literature of Languages as Optional Subject

 26

उर्दू भाषा का साहित्य

22

9

40.9

 27

फ्रेंच भाषा का साहित्य

3

1

33.3

 28

संथाली भाषा का साहित्य

3

1

33.3

 29

मलयालम भाषा का साहित्य

99

27

27.3

 30

असमिया भाषा का साहित्य

4

1

25

 31

कन्नड़ भाषा का साहित्य

93

23

24.7

 32

मणिपुरी भाषा का साहित्य

27

6

22.2

 33

बंगला भाषा का साहित्य

5

1

20

 34

गुजराती भाषा का साहित्य

65

11

16.9

 35

पंजाबी भाषा का साहित्य

48

8

16.7

 36

मराठी भाषा का साहित्य

38

6

15.8

 37

अंग्रेजी भाषा का साहित्य

73

11

15.1

 38

पाली भाषा का साहित्य

356

50

14

 39

तमिल भाषा का साहित्य

82

11

13.4

 40

हिंदी भाषा का साहित्य

406

53

13.1

 41

संस्कृत भाषा का साहित्य

51

6

11.8

 42

मैथिली भाषा का साहित्य

69

7

10.1

 43

तेलुगू भाषा का साहित्य

85

7

8.2

 44

उड़िया भाषा का साहित्य

14

1

7.1

 45

कश्मीरी भाषा का साहित्य

2

-

-

 46

अरबी भाषा का साहित्य

1

-

-

 47

फारसी भाषा का साहित्य

1

-

-

 48

जर्मन भाषा का साहित्य

1

-

-

 49

रूसी भाषा का साहित्य

1

-

-

 50

बोडो भाषा का साहित्य

1

-

-

51

डोगरी भाषा का साहित्य

1

-

-

सफलता दर को आधार बनाने से पहले इन आंकड़ों को अत्यंत सावधानीपूर्वक देखें

केवल वैकल्पिक विषय के साथ सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवारों की संख्या को देख मुख्य परीक्षा में लोकप्रिय वैकल्पिक विषय मान लेने के भ्रम में मत आयें, इनमें वैकल्पिक विषयों की सफलता-दर मिश्रित भाग्य दर्शा सकती है. इसलिये इन आंकड़ों को पिछले वर्षों के आंकड़ों के साथ तुलना करने से कुछ रुझानों को समझा जा सकता है.

यह तो हो सकता है कि सर्वाधिक लोकप्रिय वैकल्पिक विषयों की सफलता-दर को देख विषय-चुनाव के बारे में कुछ सुराग मिल भी जायें, परन्तु ऐसे वैकल्पिक विषयों जो ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं इनसे संबंधित आंकड़ों को संदर्भ में लेते हुए सतर्क रहने की आवश्यकता है.

इन वैकल्पिक विषयों के परिणाम और इनकी सफलता-दर वर्ष-दर-वर्ष की तुलना में बड़े आश्चर्यजनक उथल-पुथल प्रस्तुत कर सकते हैं.

उदाहरणतः इस कथन को स्पष्ट करने के लिए हम वैकल्पिक विषय कृषि के परिणाम को लें. CSE 2008 में इसकी सफलता-दर 18.6 प्रतिशत थी, जो CSE 2009 में गिर कर 10.6 प्रतिशत रह गई. CSE 2010 में आश्चर्यजनक रूप से केवल 1.5 प्रतिशत की सफलता दर रही और अब, फिर से CSE 2011 में 12.1 प्रतिशत की सफलता-दर दिख रही है.

इस प्रकार की विविधता ऐसे विषयों में अधिक आती है जहाँ वैकल्पिक विषयों के रूप में चुने गए विषयों में उम्मीदवारों की संख्या कम होती है और वैकल्पिक विषयों से अनुशंसित उम्मीदवारों की संख्या में ऊँच-नीच के साथ सफलता-दर में अच्छा-खासा प्रभाव देखने को मिलता है.

भाषाओं के साहित्य की सफलता दर का विश्लेषण करते हुए तो और अधिक ध्यान देने की जरूरत है

एक प्रवृत्ति के रूप में, अधिकाँश नये उम्मीदवारों को वैकल्पिक विषयों के रूप में चुने गए विषयों में सर्वाधिक वरीयता प्राप्त विषय तो मोहित करते ही हैं, सर्वोच्च सफलता-दर के साथ दिख रहे वैकल्पिक विषयों के प्रति सम्मोहन और अधिक रहता है जिनसे वह प्रभावित हो जाते हैं.

कुछ भाषाओं के साहित्य के अद्भुत परिणाम और सर्वोच्च सफलता-दर इस प्रकार की विकट स्थिति सामने लाती है. ऐसा नहीं कि यह पहली बार हो, प्रत्येक वर्ष इस तरह के अनुपात देखने में आते हैं.

ऊपर दी गई सारणी में भी आपको कई वैकल्पिक विषयों की सर्वोच्च सफलता-दर में विभिन्न भाषाओं के साहित्य दिख रहे होंगे. यह सर्वोच्च सफलता-दर आपका ध्यान आकर्षित कर सकती हैं, लेकिन, आप कोई राय बनाने से पहले इन वैकल्पिक विषयों को ले कर परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों की संख्या और अनुशंसित उम्मीदवारों की संख्या को ज़रूर देखें.

अंतिम निष्कर्ष

सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा के लिये उपलब्ध प्रत्येक विषय अच्छा है और लगभग इन सभी विषयों को ले कर  उम्मीदवार सफलता हासिल भी करते हैं. प्रत्येक विषय की कुछ विशेष मांग होती हैं और यदि आप अपनी पसंद के विषय के साथ न्याय कर सकते हैं, आप जो चाहें वह विषय लेने के बारे में सोच सकते हैं.

 

 




Quick Tags

IAS Exam
Budding Civil Servants Zone
UPSC Results
IAS Toppers Strategy/Tips
Hindi & Vernacular Languages Candidates
IAS, Nothing out there compares!
IAS Champions: Influential voice to be heard
Toppers - PCS (UP, MP, Rajsthan, Bihar, Jharkhand)
RAS Toppers - Rajasthan PCS Exam
Judicial Services Toppers
Myths & Wrong Notions
Toppers Calling
News related to CSE
Beginners' Mindset
Current Affairs & Contemporary Issues - Hot Topics

Most Viewed Artciles

Hope is the biggest motivator; Be honest with yourself and Work Hard for Success; says Ankita Choudhary (AIR 14; CSE 2018)
Civil Services Examination 2011 Final Result (Merit-List)
Civil Services Examination 2013 RESULT : List of Successful Candidates
Civil Services Examination 2009 Final Result
Marks secured by Top 25 in Civil Services Examination 2021
Philosophy v/s Sociology; which one is better, more scoring?
At the outset, Everyone just think of Rank among ‘Top 10’; Yes, it was a Dream for me as well - Srushti Jayant Deshmukh (AIR 5; CSE 2018)
My father has been my idol and source of inspiration, says Anshul Kumar (AIR 293; CSE 2015)
Believe in Self and Constant Support from Family and Friends worked for me; says Vishakha Yadav (AIR 6; CSE 2019)
Focus on Your Goals, Instead of Your Fears; says Chandrajyoti Singh (AIR 28; CSE 2019)